हाई ब्लड प्रेशर से हार्ट अटैक क्यों - कार्डियक सर्जन डॉ. सुधांशु जे अग्निहोत्री

हाई ब्लड प्रेशर से हार्ट अटैक क्यों? | कार्डियक सर्जन डॉ. सुधांशु जे. अग्निहोत्री से

हाई ब्लड प्रेशर से हार्ट अटैक क्यों? | कार्डियक सर्जन डॉ. सुधांशु जे अग्निहोत्री

आज के तेज़ रफ्तार जीवन में हाई ब्लड प्रेशर से हार्ट अटैक का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। लोग काम का तनाव, नींद की कमी, अनियमित खानपान और मानसिक दबाव में अपनी दिल की सेहत को नजरअंदाज कर देते हैं। प्रसिद्ध कार्डियक सर्जन डॉ. सुधांशु जे. अग्निहोत्री बताते हैं कि ब्लड प्रेशर का बढ़ना केवल एक संख्या नहीं, बल्कि शरीर के अंदर बढ़ते खतरे की चेतावनी है।


हाई ब्लड प्रेशर का हार्ट अटैक से क्या संबंध है?

डॉ. सुधांशु जे. अग्निहोत्री के अनुसार, हाई ब्लड प्रेशर से हार्ट अटैक का सीधा संबंध है। जब हमारा ब्लड प्रेशर लगातार बढ़ा रहता है, तो दिल को खून पंप करने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इससे दिल की धमनियों पर दबाव बढ़ जाता है और उनमें सूजन या मोटापन आने लगता है। धीरे-धीरे यह धमनियां सख्त (stiff) हो जाती हैं और खून का बहाव रुकने लगता है। यही स्थिति आगे चलकर हार्ट अटैक का कारण बनती है।

हाई ब्लड प्रेशर का हार्ट अटैक से क्या संबंध है

कौन सा ब्लड प्रेशर हार्ट अटैक का कारण बनता है?

सामान्य तौर पर 120/80 mmHg को सामान्य ब्लड प्रेशर माना जाता है।
जब ब्लड प्रेशर 140/90 mmHg या उससे अधिक रहता है, तो इसे हाई ब्लड प्रेशर कहा जाता है। यदि यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहे, तो हाई ब्लड प्रेशर से हार्ट अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।


कार्डियक सर्जन डॉ. सुधांशु जे अग्निहोत्री बताते हैं कि बहुत से मरीजों को शुरुआत में कोई लक्षण नहीं दिखते, लेकिन अंदर ही अंदर धमनियां कमजोर होती जाती हैं — और एक दिन अचानक दिल का दौरा पड़ सकता है।


हार्ट अटैक का मुख्य कारण क्या है?

हार्ट अटैक का मुख्य कारण है दिल तक ऑक्सीजन पहुंचाने वाली धमनियों में रुकावट।
यह रुकावट हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, धूम्रपान, मोटापा, और शुगर जैसी स्थितियों के कारण होती है।
डॉ. सुधांशु जे. अग्निहोत्री बताते हैं कि जब ब्लड प्रेशर लगातार हाई रहता है, तो धमनियों की दीवारें कमजोर हो जाती हैं और उनमें फैटी डिपॉज़िट (cholesterol plaque) जमा होने लगता है। जब यह पूरी तरह बंद हो जाता है, तो हार्ट को खून मिलना बंद हो जाता है — और तब हार्ट अटैक होता है।


बीपी हाई होने से क्या तकलीफ होती है?

शुरुआती दौर में हाई बीपी के लक्षण स्पष्ट नहीं होते, लेकिन धीरे-धीरे यह कई तरह की समस्याएं पैदा करता है –

  • सिरदर्द और चक्कर
  • आंखों में धुंधलापन
  • थकान और सांस लेने में कठिनाई
  • दिल की धड़कन तेज़ होना
  • छाती में दर्द या भारीपन

डॉ. अग्निहोत्री बताते हैं कि ये सभी लक्षण इस बात का संकेत हैं कि हाई ब्लड प्रेशर से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ रहा है, इसलिए ऐसे संकेतों को कभी नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।


हाई ब्लड प्रेशर से हार्ट अटैक क्यों? | जानिए कार्डियक सर्जन डॉ. सुधांशु जे. अग्निहोत्री से

हार्ट पेशेंट का ब्लड प्रेशर कितना होना चाहिए?

डॉ. सुधांशु जे. अग्निहोत्री सलाह देते हैं कि हार्ट पेशेंट का ब्लड प्रेशर 120/80 mmHg के आसपास रहना चाहिए।
अगर किसी व्यक्ति को पहले से हार्ट की बीमारी या शुगर है, तो डॉक्टर उसकी उम्र और स्थिति के अनुसार थोड़ा भिन्न रेंज तय कर सकते हैं।
महत्वपूर्ण बात यह है कि हाई ब्लड प्रेशर से हार्ट अटैक का खतरा तब सबसे ज्यादा होता है जब मरीज दवाइयाँ छोड़ देता है या नियमित जांच नहीं कराता।


हाई ब्लड प्रेशर को हार्ट फेल होने में कितना समय लगता है?

यह समय व्यक्ति की उम्र, जीवनशैली और बीमारी की गंभीरता पर निर्भर करता है।
कई बार बिना लक्षण के हाई ब्लड प्रेशर सालों तक दिल को नुकसान पहुंचाता रहता है।
डॉ. अग्निहोत्री बताते हैं कि अगर ब्लड प्रेशर लगातार 150/100 mmHg से ऊपर रहता है और नियंत्रण में नहीं लाया जाता, तो कुछ वर्षों में यह दिल की मांसपेशियों को कमजोर कर देता है, जिससे हार्ट फेलियर या हार्ट अटैक हो सकता है।
इसीलिए समय पर निदान और इलाज बेहद जरूरी है।

हार्ट अटैक किसकी कमी से होता है - हाई ब्लड प्रेशर से हार्ट अटैक क्यों

हार्ट अटैक किसकी कमी से होता है?

हार्ट अटैक सिर्फ किसी एक कमी से नहीं, बल्कि कई कारणों से होता है।
फिर भी, ऑक्सीजन और ब्लड सप्लाई की कमी, पोटैशियम या मैग्नीशियम की कमी, और असंतुलित आहार से दिल की कार्यक्षमता पर बुरा असर पड़ता है।
डॉ. सुधांशु जे. अग्निहोत्री बताते हैं कि अनहेल्दी लाइफस्टाइल, धूम्रपान, तनाव, और हाई ब्लड प्रेशर से हार्ट अटैक के खतरे को कई गुना बढ़ा देते हैं।
स्वस्थ भोजन, नियमित व्यायाम और तनावमुक्त दिनचर्या अपनाने से इस खतरे को काफी हद तक रोका जा सकता है।


डॉ. सुधांशु जे. अग्निहोत्री की सलाह

“ब्लड प्रेशर की निगरानी हर व्यक्ति के लिए उतनी ही ज़रूरी है जितनी हृदय की धड़कन।
अगर आप अपना बीपी नियंत्रित रखते हैं, तो आप अपने दिल को कई सालों तक सुरक्षित रख सकते हैं।”
डॉ. सुधांशु जे. अग्निहोत्री, कार्डियक सर्जन, इंदौर


निष्कर्ष

हाई ब्लड प्रेशर से हार्ट अटैक का खतरा धीरे-धीरे बढ़ता है, लेकिन जागरूकता, समय पर जांच और डॉक्टर की सलाह से इसे रोका जा सकता है।
संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद, और तनाव से दूरी ही आपके दिल को मजबूत बना सकती है।
याद रखें — बीपी पर नियंत्रण ही हार्ट अटैक से सुरक्षा की पहली सीढ़ी है।

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